Solar Rooftop Subsidy Yojana – गर्मी का मौसम आते ही जैसे ही एसी और कूलर चालू होते हैं, बिजली का बिल देखकर कई लोगों के होश उड़ जाते हैं। हर महीने बढ़ते बिल का टेंशन लेना आम बात हो गई है। लेकिन अब सरकार ने इस परेशानी से छुटकारा दिलाने के लिए एक शानदार योजना शुरू की है – सोलर रूफटॉप सब्सिडी योजना 2025। इसका मकसद है लोगों को सस्ती, साफ और टिकाऊ बिजली मुहैया कराना, वो भी छत पर सोलर पैनल लगवाकर।
चलो जानते हैं कि इस योजना में क्या खास है और कैसे आप इसका फायदा उठा सकते हैं।
क्या है सोलर रूफटॉप योजना?
सरकार की ये योजना लोगों को अपनी छतों पर सोलर पैनल लगवाने के लिए सब्सिडी यानी आर्थिक मदद देती है। इसका फायदा ये है कि आप खुद की बिजली बना सकते हैं, जिससे हर महीने का बिजली बिल बहुत कम हो जाएगा। इसके साथ-साथ ये पर्यावरण के लिए भी अच्छा है क्योंकि सोलर पावर एक साफ और ग्रीन एनर्जी है।
इस योजना से मिलने वाले फायदे
- बिजली बिल में राहत: सोलर पैनल लगवाने के बाद आपके बिजली के बिल में 90% तक की कटौती हो सकती है। यानी लंबे समय में भारी बचत।
- सरकारी सब्सिडी: 3 किलोवाट तक के सिस्टम पर 40% सब्सिडी, 3 से 10 किलोवाट के सिस्टम पर 20% सब्सिडी। मान लो, अगर आपने ₹1.5 लाख का सिस्टम लगाया, तो आपको ₹60,000 तक की सीधी सब्सिडी मिल सकती है।
- 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली: हर महीने लगभग 300 यूनिट बिजली फ्री मिल सकती है, जो एक सामान्य परिवार के लिए काफी होती है।
- नेट मीटरिंग का फायदा: अगर आपके सिस्टम से ज्यादा बिजली बनती है, तो उसे बिजली विभाग को बेच सकते हैं और बिल में क्रेडिट पा सकते हैं।
- बिजली कटौती से छुटकारा: अगर आपके एरिया में लाइट बार-बार जाती है, तो सोलर सिस्टम से ये दिक्कत भी दूर हो जाएगी।
कौन ले सकता है योजना का लाभ?
- भारतीय नागरिक होना जरूरी है।
- उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए।
- छत पर सोलर लगाने लायक जगह होनी चाहिए (1 किलोवाट के लिए करीब 100 वर्ग फीट जगह चाहिए)।
- आपके पास एक एक्टिव बिजली कनेक्शन होना चाहिए।
- अगर आप किराए पर रहते हैं, तो मकान मालिक की परमिशन जरूरी है।
जरूरी दस्तावेज
- आधार कार्ड या कोई पहचान पत्र
- पैन कार्ड
- लेटेस्ट बिजली बिल
- बैंक पासबुक या खाता विवरण
- छत की फोटो और डिटेल
- पासपोर्ट साइज फोटो और मोबाइल नंबर
कैसे करें ऑनलाइन आवेदन?
- पंजीकरण – योजना की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं और नया अकाउंट बनाएं।
- लॉगिन और फॉर्म भरें – अपनी जानकारी भरें और डॉक्यूमेंट अपलोड करें।
- वेरिफिकेशन – सबमिट करने के बाद आपकी जानकारी की जांच की जाएगी।
- विक्रेता चुनें – लिस्ट में से कोई सरकारी अप्रूव्ड विक्रेता चुनें।
- इंस्टॉलेशन और जांच – विक्रेता पैनल लगाएगा, फिर बिजली विभाग इसका निरीक्षण करेगा।
- सब्सिडी खाते में – जब सब कुछ ठीक होगा, तो सब्सिडी सीधे आपके बैंक खाते में आ जाएगी।
कितना खर्च और किस तरह के सिस्टम मिलते हैं?
दो तरह के सिस्टम होते हैं:
- ऑन-ग्रिड सिस्टम – ये बिजली ग्रिड से जुड़ा होता है, बैटरी की जरूरत नहीं होती, और सस्ता पड़ता है।
- ऑफ-ग्रिड सिस्टम – इसमें बैटरी होती है, जिससे लाइट जाने पर भी बिजली मिलती रहती है।
1 किलोवाट का सिस्टम ₹45,000 – ₹60,000 के बीच आता है। अगर आप 3 किलोवाट का सिस्टम लगाते हैं, तो सब्सिडी के बाद आपका खर्च ₹81,000 – ₹1.08 लाख के बीच आएगा।
क्यों जरूरी है ये योजना?
अगर आप बिजली के बिल से परेशान हैं और कुछ दीर्घकालिक फायदा चाहते हैं, तो ये योजना आपके लिए परफेक्ट है। न सिर्फ आप हर महीने पैसे बचाएंगे, बल्कि आप देश के पर्यावरण की भी मदद करेंगे। 5-7 साल में ये सिस्टम अपनी लागत निकाल देता है और फिर लगभग मुफ्त बिजली मिलती है।
तो देर मत कीजिए, अभी योजना की वेबसाइट पर जाकर आवेदन करें और एक स्मार्ट कदम उठाइए हरित भारत की ओर।