EPFO New Rules – अगर आप प्राइवेट नौकरी करते हैं, तो हर महीने आपकी सैलरी से PF यानी प्रोविडेंट फंड का कुछ हिस्सा कटता है। यह पैसा आपके PF अकाउंट में जमा होता रहता है। अब सवाल उठता है – क्या इस PF से सिर्फ सेविंग्स होती है या इससे पेंशन भी मिलती है? जवाब है – हां, अगर कुछ जरूरी शर्तें पूरी कर ली जाएं, तो आपको रिटायरमेंट के बाद पेंशन भी मिलती है। चलिए, आपको इस बारे में डीटेल में बताते हैं।
EPS क्या है?
PF के साथ-साथ आपने EPS का नाम भी सुना होगा। अब EPS क्या बला है? EPS का मतलब है Employees’ Pension Scheme – ये स्कीम EPFO यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा चलाई जाती है। इसका फायदा सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलता है जो EPF के मेंबर होते हैं और कम से कम 10 साल तक नौकरी करते हैं। यानी अगर आपने 10 साल या उससे ज्यादा नौकरी की है, तो आपको पेंशन मिलना तय है।
10 साल वाली शर्त क्यों जरूरी है?
EPS के नियम बड़े क्लियर हैं – आपको पेंशन तब ही मिलेगी जब आपने कम से कम 10 साल की सर्विस पूरी की हो। और अच्छी बात ये है कि अगर आपकी नौकरी की कुल अवधि 9 साल 6 महीने या उससे ज्यादा है, तो उसे 10 साल मान लिया जाता है। लेकिन अगर आपकी सर्विस 9 साल 5 महीने या उससे कम रही, तो फिर आपको सिर्फ PF का पैसा मिलेगा – पेंशन का फायदा नहीं मिलेगा।
नौकरी बदली तो क्या?
अब एक कॉमन सवाल – अगर किसी ने दो जगह 5-5 साल नौकरी की हो और दोनों के बीच कुछ साल का गैप हो, तो क्या 10 साल की सर्विस काउंट होगी?
इसका जवाब है – हां, अगर आपने दोनों जगह एक ही UAN नंबर (Universal Account Number) इस्तेमाल किया है, तो आपकी दोनों नौकरियों की सर्विस जोड़ दी जाएगी। यानी UAN नंबर एक जैसा होना बहुत जरूरी है। नौकरी बदले, तो चलेगा, लेकिन UAN नहीं बदलना चाहिए।
UAN नंबर क्या होता है?
UAN यानी यूनिवर्सल अकाउंट नंबर, EPFO की तरफ से हर कर्मचारी को दिया जाता है। ये एक तरह का पर्मानेंट ID होता है जो आपकी पूरी नौकरी में एक ही रहता है, चाहे आप कितनी भी बार नौकरी बदलें। हर कंपनी आपको नया PF अकाउंट देती है, लेकिन सब एक ही UAN से लिंक हो जाते हैं। इससे आपका पूरा PF और EPS का रिकॉर्ड एक ही जगह दिखता है।
PF और EPS में पैसा कैसे जाता है?
अब समझिए PF और EPS में कितना पैसा कटता है। आपकी बेसिक सैलरी + DA का कुल 12% हर महीने आपके PF में जाता है। इस 12% में से:
- कर्मचारी (आप) का पूरा हिस्सा सीधे EPF (Provident Fund) में जाता है।
- नियोक्ता (कंपनी) के 12% में से 8.33% EPS (पेंशन स्कीम) में और बाकी 3.67% EPF में जाता है।
मतलब EPS में सीधे पैसा आपके नियोक्ता की तरफ से ही जाता है।
पेंशन कब मिलती है?
EPS के तहत पेंशन का लाभ तब मिलता है जब आप 58 साल की उम्र पूरी कर लेते हैं और आपकी नौकरी की सर्विस 10 साल या उससे ज्यादा रही हो। अगर आप चाहें तो 50 साल की उम्र के बाद भी पेंशन के लिए आवेदन कर सकते हैं, लेकिन तब आपको थोड़ी कम पेंशन मिलेगी।
नौकरी छोड़ी और 10 साल पूरे नहीं हुए?
अगर आपने नौकरी छोड़ दी और आपकी सर्विस 10 साल से कम थी, तो आप पेंशन के हकदार नहीं बनते। ऐसे में आप अपने EPS में जमा पैसे को निकाल सकते हैं, लेकिन पेंशन का फायदा नहीं मिलेगा।
अगर आप चाहते हैं कि रिटायरमेंट के बाद आपको एक पक्की पेंशन मिले, तो कम से कम 10 साल की नौकरी एक ही UAN पर होनी चाहिए। EPS स्कीम एक बेहतरीन सामाजिक सुरक्षा योजना है, जो आपके बुढ़ापे में काम आती है। नौकरी बदलें लेकिन UAN ना बदलें – और अपने PF और EPS अकाउंट को एक्टिव रखें।
अगर आपने अभी तक EPS को लेकर कुछ भी क्लियर नहीं किया है, तो EPFO की वेबसाइट पर जाकर अपना PF पासबुक चेक कर सकते हैं और जान सकते हैं कि EPS में कितना पैसा जमा हो चुका है।