Public Holiday – अप्रैल का महीना वैसे भी गर्मी की शुरुआत लेकर आता है, लेकिन इस बार तो जैसे सबके लिए एक तोहफा लेकर आया है – लगातार तीन दिन की छुट्टियाँ! जी हाँ, 18 अप्रैल 2025 को गुड फ्राइडे की छुट्टी है, और फिर उसके बाद सीधा शनिवार और रविवार का वीकेंड – मतलब कुल तीन दिन का फुल ऑन ब्रेक! अब ऐसे में तो बच्चों से लेकर ऑफिस वाले तक, सबके चेहरे पर मुस्कान आनी तय है।
गुड फ्राइडे की छुट्टी – क्यों होती है खास?
गुड फ्राइडे एक धार्मिक त्योहार है, जिसे खासकर ईसाई धर्म में बहुत ही श्रद्धा से मनाया जाता है। इस दिन को यीशु मसीह के बलिदान की याद में मनाया जाता है, जब उन्हें सलीब पर चढ़ाया गया था। इस दिन देशभर में छुट्टी होती है, और कई राज्यों जैसे केरल, गोवा, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर भारत में ये दिन और भी खास तरीके से मनाया जाता है।
गुड फ्राइडे को “महान शुक्रवार” भी कहा जाता है। इस दिन लोग चर्च में जाकर प्रार्थना करते हैं, ध्यान लगाते हैं, और अपने जीवन के बारे में सोचते हैं। शांति, आत्ममंथन और भक्ति से भरा ये दिन कई लोगों के लिए आध्यात्मिक तौर पर भी बहुत मायने रखता है।
स्कूल-कॉलेज से लेकर सरकारी दफ्तर तक बंद
अब जरा सोचिए – शुक्रवार की छुट्टी, फिर शनिवार और रविवार तो वैसे ही ऑफ! बच्चों के लिए स्कूल बंद, कॉलेज वाले फ्री, और नौकरीपेशा लोगों के लिए भी राहत की सांस लेने का मौका। ये तीन दिन का ब्रेक उन लोगों के लिए और भी जरूरी है, जो रोज ऑफिस की भागदौड़ और काम के तनाव में उलझे रहते हैं।
घूमने-फिरने का सुनहरा मौका
तीन दिन की लगातार छुट्टियाँ मिलें और घूमने का प्लान न बने – ऐसा तो हो ही नहीं सकता! कई लोग इस मौके का फायदा उठाकर अपने फैमिली के साथ पिकनिक या शॉर्ट ट्रिप पर निकल जाते हैं। चाहे पास के किसी हिल स्टेशन की सैर हो या फिर किसी रिसॉर्ट में आराम करने का प्लान – सब कुछ मुमकिन है इस लंबे वीकेंड में।
कई होटल और टूर प्लानर्स भी इस मौके पर खास ऑफर लेकर आते हैं – डिस्काउंट पैकेज, फ्री ब्रेकफास्ट, और क्या-क्या नहीं! इसलिए लोग इस वक्त को एन्जॉय करने में कोई कसर नहीं छोड़ते।
मॉल, रेस्टोरेंट्स और बाजार में रौनक
ऐसे लंबे वीकेंड्स का एक और फायदा ये होता है कि शहर के मॉल, रेस्टोरेंट्स और बाजारों में काफी चहल-पहल हो जाती है। लोग शॉपिंग पर निकलते हैं, मूवी देखने जाते हैं, या फिर फैमिली के साथ बाहर खाने का प्लान बनाते हैं। इससे लोकल बिज़नेस को भी फायदा होता है और आर्थिक गतिविधियाँ तेज हो जाती हैं।
पर्यटन स्थलों पर भी भीड़ बढ़ जाती है – होटल बुकिंग्स फुल हो जाती हैं और गाइड्स की डिमांड बढ़ जाती है। इस तरह से देखा जाए तो एक छोटी सी छुट्टी भी बड़ी इकोनॉमिक एक्टिविटी को जन्म देती है।
थोड़ा ब्रेक तो बनता है यार
आज की भागदौड़ वाली जिंदगी में हर कोई एक ब्रेक चाहता है। ये तीन दिन की छुट्टी सिर्फ घूमने-फिरने के लिए ही नहीं, बल्कि खुद के लिए थोड़ा समय निकालने का भी मौका है। चाहे आप अपने फेवरेट शो बिंज वॉच करना चाहें, किताबें पढ़नी हों, या बस थोड़ा आराम करके नींद पूरी करनी हो – ये वीकेंड आपकी मर्जी का है।
कई लोग इस समय को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलने में लगाते हैं, कुछ लोग पुराने शौक फिर से पकड़ते हैं – जैसे पेंटिंग, म्यूजिक या गार्डनिंग। ऐसे में मानसिक ताजगी भी मिलती है और नई ऊर्जा के साथ फिर से काम पर लौटने का जोश भी आता है। तो कुल मिलाकर कहें तो ये तीन दिन की छुट्टी सिर्फ आराम और मौज के लिए नहीं, बल्कि एक तरह से ज़िन्दगी में बैलेंस बनाए रखने का भी जरिया है।
अब जब अप्रैल इतनी शानदार शुरुआत दे रहा है, तो क्यों न इस मौके को पूरी तरह एन्जॉय किया जाए? दोस्तों को फोन लगाइए, बैग पैक कीजिए या फिर बस रिमोट उठाइए और रिलैक्स हो जाइए – छुट्टी है बॉस!