कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! 10 साल की नौकरी पर मिलेगा ₹4,03,846 ग्रेच्युटी Employees Gratuity Calculation

Employees Gratuity Calculation – अगर आपने सालों तक एक ही कंपनी में मेहनत की है, तो रिटायरमेंट या नौकरी छोड़ने पर कंपनी आपको एक अच्छा-खासा अमाउंट देती है, जिसे ग्रेच्युटी कहते हैं। ये कंपनी की तरफ से आपके समर्पण और वफादारी के लिए एक तरह का थैंक यू गिफ्ट होता है।

तो सीधा जवाब है, जब आप किसी कंपनी में लगातार 5 साल या उससे ज़्यादा काम करते हो, और फिर नौकरी छोड़ते हो, रिटायर होते हो या दुर्भाग्य से आपकी मृत्यु हो जाती है, तब कंपनी आपको एक तय रकम देती है – उसी को कहते हैं ग्रेच्युटी।

कौन-कौन ले सकता है ग्रेच्युटी?

ग्रेच्युटी सभी को नहीं मिलती। इसके लिए कुछ शर्तें हैं:

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  • आपने कम से कम 5 साल लगातार किसी कंपनी में काम किया हो।
  • अगर किसी की मृत्यु हो जाती है या वो विकलांग हो जाता है, तो 5 साल का नियम लागू नहीं होता।
  • कंपनी अगर Gratuity Act, 1972 के तहत आती है, तो ये नियम उस पर लागू होते हैं।

Gratuity कैसे कैलकुलेट होती है?

बहुत ही आसान फॉर्मूला है:

(अंतिम सैलरी) × (कुल साल) × (15/26)

  • यहाँ सैलरी मतलब है – बेसिक सैलरी + महंगाई भत्ता (DA) + फिक्स्ड कमिशन (अगर है तो)
  • 26 से इसलिए डिवाइड करते हैं क्योंकि महीने में आमतौर पर 4 संडे छुट्टी होती है, मतलब 26 वर्किंग डेज़।

उदाहरण के तौर पर समझिए

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अगर आपने 10 साल काम किया है और आपकी आखिरी सैलरी ₹70,000 थी, तो

ग्रेच्युटी = ₹70,000 × 10 × (15/26) = ₹4,03,846

यानि नौकरी छोड़ते वक्त आपको कंपनी से इतना पैसा मिलेगा – जो कि एक अच्छा अमाउंट है!

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अगर कंपनी Gratuity Act के तहत नहीं आती?

कुछ कंपनियाँ ग्रेच्युटी एक्ट में रजिस्टर्ड नहीं होतीं, लेकिन फिर भी चाहें तो ग्रेच्युटी दे सकती हैं। उस केस में कैलकुलेशन थोड़ा अलग होता है।

वहाँ फॉर्मूला ये होता है: (सैलरी × साल × 15) / 30

इसमें महीने के 30 दिन मानते हैं (26 नहीं)।

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तो उसी एक्साम्पल से देखें:

₹70,000 × 10 × 15 / 30 = ₹3,50,000

मतलब इस फॉर्मूले से आपको ₹3.5 लाख मिलेंगे।

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कब नहीं मिलती ग्रेच्युटी?

कुछ खास हालतों में ग्रेच्युटी नहीं मिलती:

  • आपने 5 साल से कम काम किया हो (मौत/विकलांगता को छोड़कर)
  • अगर आप किसी अनुशासनहीनता या धोखाधड़ी की वजह से निकाले गए हों
  • कंपनी Gratuity Act में नहीं आती और ग्रेच्युटी देना उसका ऑप्शनल हो

टैक्स का क्या सीन है?

सरकारी कर्मचारियों की ग्रेच्युटी पूरी तरह टैक्स फ्री होती है।

लेकिन प्राइवेट एम्प्लॉई के लिए सिर्फ ₹20 लाख तक की ग्रेच्युटी टैक्स फ्री होती है। इससे ज़्यादा अगर मिलता है, तो उस पर टैक्स देना पड़ सकता है।

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ग्रेच्युटी क्लेम कैसे करें?

बहुत आसान प्रोसेस है:

  1. रिटायरमेंट या नौकरी छोड़ने के बाद आपको Form I भरना होता है।
  2. इसे कंपनी को देना होता है और कंपनी को 30 दिन के अंदर पैसे देने होते हैं।
  3. अगर कंपनी पैसे नहीं देती, तो आप लेबर कमिश्नर या कोर्ट का सहारा ले सकते हैं।

ग्रेच्युटी आपके काम की कद्र का प्रतीक है। ये न सिर्फ इज्ज़त की बात है, बल्कि एक मजबूत आर्थिक सहारा भी है जो नौकरी छोड़ने के बाद बहुत काम आता है। अगर आपने कंपनी में 5 साल या उससे ज़्यादा समय बिताया है, तो ग्रेच्युटी के हकदार हैं। ऊपर बताए फॉर्मूलों से आप खुद भी अंदाजा लगा सकते हैं कि आपको कितना मिलेगा।

तो अगली बार जब आप कंपनी छोड़ने का सोचें, तो ग्रेच्युटी को नज़रअंदाज़ मत करिए – ये आपकी मेहनत का सही इनाम है!

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