EPS Pension News – अगर आपने भी सालों तक किसी प्राइवेट कंपनी में काम किया है और अब रिटायर हो चुके हैं या रिटायरमेंट के करीब हैं, तो आपके लिए एक खुशखबरी है! EPS यानी Employees’ Pension Scheme में जो ताज़ा बढ़ोतरी हुई है, उसने लाखों रिटायर्ड कर्मचारियों को राहत की सांस दी है।
EPS पेंशन क्या है, और ये काम कैसे करती है?
EPS यानी कर्मचारी पेंशन योजना साल 1995 में शुरू की गई थी। ये योजना उन कर्मचारियों के लिए है जो EPF (Employees’ Provident Fund) में योगदान करते हैं। EPF में जितना पैसा जाता है, उसमें से 8.33% हिस्सा पेंशन फंड (EPS) में ट्रांसफर होता है। इसी के आधार पर रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलती है।
अब तक EPS पेंशन की गणना अधिकतम ₹15,000 सैलरी को आधार मानकर की जाती थी। इसका मतलब ये कि भले ही आपकी सैलरी इससे ज़्यादा रही हो, पेंशन की गणना 15,000 तक की सैलरी पर ही होती थी। लेकिन अब इसमें बड़ा बदलाव आया है।
तो अब नया क्या हुआ है?
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद EPS में हाई पेंशन का विकल्प खुल गया है। इसका मतलब ये है कि अब कर्मचारी अपनी असली (यानि ज्यादा) सैलरी के हिसाब से भी पेंशन का ऑप्शन चुन सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपको अपने पुराने EPF योगदान का कुछ हिस्सा EPS में ट्रांसफर करना होगा।
इस बदलाव के कुछ अहम फायदे
- पेंशन में बढ़ोतरी: अब रिटायर्ड लोगों को सिर्फ ₹1000-₹1500 की मामूली रकम पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। कई लोगों को अब ₹6000-₹8000 तक की पेंशन मिलने लगी है।
- परिवार पर बोझ नहीं: पहले बुजुर्गों को बच्चों पर आर्थिक रूप से निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब वे खुद अपनी ज़रूरतें पूरी कर सकते हैं।
- स्वास्थ्य सेवाओं में राहत: ज्यादा पेंशन होने से बुजुर्ग दवा, इलाज और दूसरी हेल्थ से जुड़ी ज़रूरतें आसानी से पूरी कर सकते हैं।
- ग्रामीण इलाकों में खास फायदा: गांवों में रहने वाले रिटायर्ड लोगों के लिए ये पेंशन बढ़ोतरी बहुत बड़ी राहत है, क्योंकि वहां दूसरी आमदनी के साधन भी कम होते हैं।
कुछ असली उदाहरण
- राम प्रकाश शर्मा, गाज़ियाबाद (उम्र 62) : 28 साल एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी की। पहले ₹1800 की पेंशन मिलती थी। हाई पेंशन का ऑप्शन चुना और EPS में अतिरिक्त पैसा ट्रांसफर किया। अब उन्हें ₹6200 मिल रही है। वो कहते हैं, “अब महीने का आख़िर हाथ तंग नहीं होता।”
- सीमा मिश्रा, भोपाल (उम्र 59) : उच्च वेतन पर कई साल काम किया। पहले पेंशन बहुत कम थी। हाई पेंशन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया और अब उन्हें ₹7800 मिल रही है। उन्होंने कहा, “अब बेटियों से पैसे मांगने की ज़रूरत नहीं पड़ती।”
हाई पेंशन का विकल्प कैसे चुनें?
अगर आप भी इस सुविधा का फायदा लेना चाहते हैं, तो ये स्टेप्स फॉलो करें:
- EPFO की वेबसाइट खोलें: https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in
- Unified Member Portal में लॉगिन करें।
- “Pension on Higher Salary” वाले ऑप्शन पर जाएं।
- फॉर्म भरें, जरूरी डॉक्यूमेंट्स अपलोड करें और सबमिट करें।
ज़रूरी डॉक्यूमेंट्स
- UAN नंबर
- सैलरी स्लिप या पासबुक
- आधार कार्ड, पैन कार्ड
- सेवा प्रमाण पत्र
क्या आपको हाई पेंशन का ऑप्शन लेना चाहिए?
अगर आपकी सैलरी ₹15,000 से ऊपर रही है और आप चाहते हैं कि रिटायरमेंट के बाद अच्छी-खासी पेंशन मिले, तो ये विकल्प आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। हाँ, इसके लिए एकमुश्त राशि EPS में ट्रांसफर करनी पड़ सकती है, तो कोई फैसला लेने से पहले एक बार फाइनेंशियल एडवाइज़र से सलाह ले लेना सही रहेगा।
मेरे पापा का अनुभव
मेरे पापा ने 26 साल तक एक फैक्ट्री में काम किया था। रिटायर होने पर ₹2500 की पेंशन मिलती थी, जिसमें बिजली बिल और दवा तक मुश्किल से निकलते थे। हमने हाई पेंशन के लिए आवेदन किया और अब उन्हें करीब ₹7000 मिल रही है। अब वो पहले से कहीं ज़्यादा संतुष्ट और आत्मनिर्भर हैं।
EPS पेंशन में बढ़ोतरी सिर्फ एक कानूनी फैसला नहीं है, बल्कि ये उन लाखों लोगों के लिए नई उम्मीद है जो प्राइवेट नौकरी करते हुए अपनी जिंदगी खपा चुके हैं। अगर आप या आपके जानने वाले EPS के सदस्य हैं, तो उन्हें ये जानकारी ज़रूर शेयर करें। सही वक्त पर लिया गया फैसला भविष्य में बड़ा फर्क ला सकता है।