Home Loan Charges – आज के समय में हर कोई चाहता है कि उसका खुद का एक घर हो, लेकिन बढ़ती महंगाई में यह सपना आसान नहीं रह गया है। ऐसे में ज्यादातर लोग अपने ड्रीम होम को पूरा करने के लिए होम लोन का सहारा लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि होम लोन सिर्फ ईएमआई और ब्याज तक सीमित नहीं होता? इसके साथ कुछ ऐसे चार्ज भी जुड़ते हैं जिनके बारे में बैंक खुद से जानकारी नहीं देते। अगर आप पहली बार होम लोन ले रहे हैं, तो इन चार्जेस के बारे में जानना बहुत जरूरी है।
1. आवेदन शुल्क
जब आप किसी बैंक से होम लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तो सबसे पहले आपसे एक एप्लिकेशन फीस ली जाती है। इसे लॉगिन चार्ज के नाम से भी जाना जाता है। ये चार्ज अलग-अलग बैंकों में अलग होता है लेकिन आमतौर पर यह दो से छह हजार रुपए के बीच होता है। कई बार यह फीस बाद में प्रोसेसिंग फीस में एडजस्ट कर दी जाती है, लेकिन अगर आपका लोन रिजेक्ट हो जाता है तो यह राशि वापस नहीं मिलती।
2. फोरक्लोजर फीस
अगर आपने फिक्स्ड रेट पर होम लोन लिया है और टेन्योर पूरा होने से पहले ही लोन खत्म करना चाहते हैं यानी पूरा भुगतान करना चाहते हैं, तो बैंक आपसे फोरक्लोजर चार्ज वसूल सकते हैं। हालांकि फ्लोटिंग रेट वाले लोन में अक्सर ये चार्ज नहीं लगता, लेकिन फिक्स्ड रेट में यह चार्ज लागू होता है। ये फीस आपके लोन की बाकी राशि और समय के आधार पर तय होती है।
3. स्विचिंग चार्ज
हो सकता है कि आपने शुरुआत में फ्लोटिंग रेट लोन लिया हो लेकिन बाद में आप फिक्स्ड रेट लोन में कन्वर्ट करना चाहें या इसका उल्टा। ऐसी स्थिति में बैंक आपसे एक चार्ज लेता है जिसे स्विचिंग या कन्वर्जन फीस कहते हैं। यह चार्ज आमतौर पर बचे हुए लोन अमाउंट का कुछ प्रतिशत होता है, जो लगभग 0.25 से लेकर 3 प्रतिशत तक हो सकता है।
4. रिकवरी फीस
अगर आप समय पर लोन की ईएमआई नहीं भरते हैं तो बैंक आपको डिफॉल्टर घोषित कर सकता है और लोन रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर सकता है। इस प्रक्रिया में जो भी खर्च होता है जैसे लीगल नोटिस, रिकवरी एजेंसी की फीस आदि – वो सब आपके ऊपर ही आता है। इन सभी खर्चों को मिलाकर रिकवरी चार्ज कहा जाता है, जो समय पर भुगतान न करने पर आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है।
5. प्रॉपर्टी इंस्पेक्शन फीस
होम लोन पास करने से पहले बैंक आपकी प्रॉपर्टी का फिजिकल इंस्पेक्शन करवाता है। इसके लिए वे एक एक्सपर्ट टीम भेजते हैं जो प्रॉपर्टी का वैल्यूएशन, बिल्डिंग स्ट्रक्चर, कानूनी अप्रूवल, लेआउट और अन्य डिटेल्स की जांच करती है। इस निरीक्षण के लिए जो चार्ज लगता है, वह या तो प्रोसेसिंग फीस में शामिल होता है या कभी-कभी अलग से लिया जाता है।
6. लीगल फीस
होम लोन देने से पहले बैंक यह पक्का करना चाहता है कि जिस प्रॉपर्टी को गिरवी रखा जा रहा है, वह पूरी तरह कानूनी है। इसके लिए बैंक अपने लीगल एक्सपर्ट्स से प्रॉपर्टी के कागजात जैसे टाइटल डीड, मालिकाना हक, एनओसी, ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट आदि की जांच करवाता है। इस काम के बदले एक्सपर्ट्स को जो फीस दी जाती है, उसे लीगल फीस कहा जाता है। यह चार्ज भी लोन लेने वाले ग्राहक से ही वसूला जाता है।
होम लोन लेना एक बड़ा और लंबा वित्तीय निर्णय होता है। अगर आप सिर्फ ब्याज और ईएमआई देखकर लोन लेते हैं, तो आगे चलकर ये छिपे हुए चार्ज आपको भारी पड़ सकते हैं। इसलिए, लोन लेने से पहले बैंक से हर चार्ज की डिटेल्स अच्छी तरह से पूछ लें और समझ लें। हो सके तो चार्ज की पूरी लिस्ट को लिखित में लें ताकि बाद में कोई कन्फ्यूजन ना हो।