Personal Loan EMI Bounce – आजकल पर्सनल लोन लेना बहुत आसान हो गया है। शादी हो, मेडिकल जरूरत, घर का सामान खरीदना हो या फिर कोई इमरजेंसी – लोग झट से पर्सनल लोन ले लेते हैं। लेकिन जितना आसान लोन लेना है, उतना ही जरूरी है इसे समय पर चुकाना। अगर आपने EMI टाइम पर नहीं भरी या बार-बार बाउंस होने लगी, तो बैंक सख्त हो सकता है।
और सिर्फ बैंक ही नहीं, इससे आपकी क्रेडिट हिस्ट्री, प्रॉपर्टी और सैलरी सब कुछ खतरे में आ सकता है।
EMI बाउंस होने पर बैंक सबसे पहले क्या करता है?
जब आप पहली बार EMI नहीं भरते, तो बैंक तुरंत कोई बड़ा एक्शन नहीं लेता। लेकिन जैसे ही किस्तें लगातार बाउंस होने लगती हैं, बैंक की ओर से रिमाइंडर नोटिस आने शुरू हो जाते हैं। ये नोटिस ईमेल, कॉल या लेटर के जरिए हो सकते हैं। इसमें बैंक आपसे समय पर पेमेंट करने को कहता है – ताकि बात आगे ना बढ़े।
लेट फीस और चार्जेस का झंझट
अगर आप फिर भी समय पर लोन नहीं चुकाते, तो बैंक लेट फीस और पेनाल्टी चार्ज लगाता है। ये चार्ज आपकी EMI को और महंगा बना देते हैं। मतलब – जितना टाइम लगाओगे, उतना लोन और महंगा हो जाएगा।
सिबिल स्कोर पर पड़ता है सीधा असर
अगर आप लोन की किस्तें लगातार बाउंस करवा रहे हैं, तो बैंक ये रिपोर्ट क्रेडिट ब्यूरो को भेज देता है। इससे आपका CIBIL स्कोर गिर जाता है। और जब स्कोर गिरता है, तो अगली बार कोई दूसरा बैंक आसानी से लोन नहीं देता। वो आपको रिस्की कस्टमर मानते हैं।
फिर शुरू होती है रिकवरी और कानूनी लड़ाई
अगर लोन लगातार नहीं भरा गया, तो बैंक कोर्ट में केस फाइल कर सकता है। कोर्ट से ऑर्डर आने के बाद बैंक आपकी प्रॉपर्टी की नीलामी तक करवा सकता है – ताकि अपनी रकम वापस ले सके।
आपकी सैलरी से भी कट सकता है पैसा
कोर्ट अगर आदेश देता है, तो बैंक आपकी मंथली सैलरी से सीधे पैसा काट सकता है। यानी हर महीने आपकी सैलरी से एक हिस्सा सीधे बैंक के पास चला जाएगा। इससे आपकी इनकम पर सीधा असर पड़ेगा।
प्रॉपर्टी हो सकती है जब्त
अगर लोन की रकम ज्यादा है और काफी समय से नहीं भरा गया, तो बैंक आपकी गिरवी रखी प्रॉपर्टी को जब्त कर सकता है। चाहे वो गहने हों, गाड़ी हो या मकान – सब पर खतरा हो सकता है।
बैंक अकाउंट भी हो सकता है फ्रीज
अगर बैंक को वसूली का कोई और तरीका नहीं मिलता, तो वो आपके बैंक अकाउंट को फ्रीज कर सकता है। यानी आप खाते से पैसे नहीं निकाल पाएंगे। आपकी सैलरी, फंड्स – सब पर रोक लग सकती है।
को-साइनर भी फंसेगा
अगर आपके लोन पर कोई को-साइनर है, तो उसकी भी क्रेडिट हिस्ट्री खराब हो सकती है। और उस पर भी वसूली का दबाव पड़ सकता है। इससे रिश्तों में भी तनाव आ सकता है।
नतीजा – मुसीबत पर मुसीबत
पर्सनल लोन नहीं चुकाना केवल पैसे का नुकसान नहीं है। इससे मानसिक, कानूनी और आर्थिक तीनों तरह की परेशानी हो सकती है। इसलिए अगर आपने पर्सनल लोन लिया है, तो उसकी EMI को हल्के में बिल्कुल ना लें। टाइम पर चुकाएं और बेफिक्र रहें!