Personal Loan EMI Bounce – आजकल पर्सनल लोन लेना बहुत ही आसान हो गया है। किसी को शादी के लिए पैसे चाहिए, किसी को इलाज के लिए या फिर कोई नया फोन या फर्नीचर लेना हो – लोग सीधे बैंक या फाइनेंस कंपनी से पर्सनल लोन ले लेते हैं। पर जितना आसान इसे लेना है, उतना ही जरूरी है इसे समय पर चुकाना भी।
अब सोचिए कि आपने पर्सनल लोन लिया और कुछ महीनों तक EMI टाइम पर नहीं भरी – यानी आपकी किस्तें बाउंस होने लगीं। ऐसे में बैंक बस चुपचाप बैठा नहीं रहता। चलिए समझते हैं कि अगर पर्सनल लोन नहीं चुकाया गया, तो बैंक क्या-क्या कर सकता है और आपको किन चीज़ों का ध्यान रखना चाहिए।
EMI बाउंस होते ही क्या करता है बैंक?
अगर आपकी पहली या दूसरी EMI बाउंस हो गई, तो बैंक शुरू में आपको हल्के नोटिस भेजता है। ईमेल, कॉल या मैसेज आ सकता है जिसमें आपको याद दिलाया जाएगा कि आपकी किस्त बकाया है और जल्द से जल्द भर दीजिए। बैंक चाहता है कि आप खुद से लोन चुकाएं ताकि बात आगे न बढ़े। लेकिन अगर आप फिर भी लोन नहीं भरते, तो मामला थोड़ा सीरियस हो जाता है।
लेट फीस और बकाया बढ़ता जाता है
किस्त टाइम पर नहीं देने पर बैंक लेट पेमेंट चार्ज लगाते हैं। मतलब आपकी अगली EMI पहले से ज्यादा हो जाएगी। अब सोचिए, पहले ही पैसों की टेंशन है, ऊपर से एक्स्ट्रा चार्ज – इससे लोन चुकाना और मुश्किल हो सकता है।
CIBIL स्कोर पर सीधा असर
अगर आप बार-बार EMI नहीं भरते, तो इसका असर आपके CIBIL स्कोर पर पड़ता है। बैंक यह जानकारी क्रेडिट ब्यूरो को भेज देता है और आपका स्कोर गिर जाता है। जब स्कोर गिरता है, तो आगे लोन लेना या क्रेडिट कार्ड मिलना भी मुश्किल हो जाता है। बैंक को लगेगा कि आप रिस्की उधारकर्ता हैं।
कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है
अगर काफी समय तक आप लोन नहीं भरते, तो बैंक कोर्ट का रुख कर सकता है। फिर कानूनी कार्रवाई शुरू होती है – कोर्ट में केस, नोटिस, और हो सकता है कोर्ट आपकी सैलरी से कटौती का ऑर्डर दे दे। हां, आपकी सैलरी से सीधे पैसे काटे जा सकते हैं – और इससे आपकी मंथली फाइनेंशियल प्लानिंग गड़बड़ा सकती है।
संपत्ति भी जब्त हो सकती है
अगर आपने कोई गारंटी (जैसे कार, गहने, या घर) गिरवी रखकर लोन लिया है, तो बैंक उन्हें जब्त कर सकता है। कोर्ट से ऑर्डर लेकर बैंक आपकी प्रॉपर्टी की नीलामी करवा सकता है ताकि अपना पैसा वसूल सके।
बैंक खाता हो सकता है सील या बंद
अगर बैंक को लगता है कि लोन वसूलने का कोई रास्ता नहीं बचा है, तो वो आपके बैंक अकाउंट को भी फ्रीज़ कर सकता है। ऐसे में आप उसमें जमा पैसे भी नहीं निकाल सकते। अगर सैलरी भी उसी अकाउंट में आती है, तो वो भी रुक सकती है।
को-साइनर की भी हो सकती है दिक्कत
अगर आपने लोन लेते वक्त किसी को को-गारंटर या को-साइनर बनाया था, तो उनकी भी मुसीबत बढ़ सकती है। बैंक उनसे भी पैसा मांग सकता है, और उनका CIBIL स्कोर भी डाउन हो सकता है। इससे रिश्तों में खटास भी आ सकती है।
मेंटल स्ट्रेस और इमोशनल प्रेशर
लोन ना चुका पाने की वजह से सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि मानसिक तनाव भी बढ़ता है। वसूली एजेंसियों के कॉल्स, नोटिस, कोर्ट का चक्कर – ये सब चीजें किसी को भी परेशान कर सकती हैं।
तो फिर क्या करें?
सिंपल बात – जितना जल्दी हो सके, लोन की EMI भरिए। अगर परेशानी है, तो बैंक से बात कीजिए, रीपेमेंट प्लान बदलिए या किसी और तरह की मदद लीजिए। पर चुपचाप बैठने से काम नहीं चलेगा। वक्त पर कदम उठाने से आप बहुत बड़ी मुसीबत से बच सकते हैं।
पर्सनल लोन लेना आसान है, पर उसे चुकाना उतना ही ज़रूरी है। EMI बाउंस होते ही अगर आप लापरवाह रहेंगे, तो बात कानूनी कार्रवाई तक पहुंच सकती है। इसलिए सही समय पर EMI भरना और अपनी क्रेडिट हिस्ट्री को साफ रखना ही समझदारी है।