RBI Minimum Balance Rules – अगर आपका बैंक अकाउंट है, तो आपने “मिनिमम बैलेंस” का नाम तो जरूर सुना होगा। हर बैंक खाताधारक को एक तयशुदा न्यूनतम राशि अपने खाते में बनाए रखनी होती है। अगर ऐसा नहीं करते तो बैंक पेनाल्टी यानी जुर्माना भी लगा देता है। लेकिन अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इस नियम में कुछ बदलाव किए हैं, जो 1 तारीख से पूरे देश में लागू हो गए हैं।
क्या होता है मिनिमम बैलेंस?
हर बैंक अपने ग्राहकों से कहता है कि खाते में एक निश्चित राशि हमेशा बनी रहनी चाहिए। इसे ही “न्यूनतम बैलेंस” कहा जाता है। ये बैलेंस अलग-अलग बैंक और शहरों के हिसाब से तय किया जाता है। मेट्रो सिटी में यह ज़्यादा होता है, तो ग्रामीण इलाकों में कम। अगर आपके खाते में ये बैलेंस नहीं है, तो हर महीने बैंक आपसे चार्ज वसूलता है।
RBI के नए नियम – अब राहत ही राहत
RBI ने हाल ही में मिनिमम बैलेंस को लेकर कुछ नए नियम लागू किए हैं, जो 1 तारीख से सभी बैंकों पर लागू हो चुके हैं। इनका सबसे बड़ा फायदा उन लोगों को होगा जिनके अकाउंट लंबे समय से निष्क्रिय पड़े हैं या जिनके खाते स्कॉलरशिप और सरकारी योजनाओं के लिए खुले हैं।
नए नियमों के मुताबिक:
- अगर किसी खाते में 2 साल से कोई लेन-देन नहीं हुआ है, तो वह खाता निष्क्रिय (Inactive/Inoperative) मान लिया जाता है।
- निष्क्रिय खातों पर अब बैंक कोई मिनिमम बैलेंस चार्ज नहीं लगा सकता।
- यानी अगर आपका खाता दो साल से यूज़ नहीं हुआ है और उसमें बैलेंस नहीं है, तब भी बैंक आपसे कोई जुर्माना नहीं ले सकता।
स्कॉलरशिप और सरकारी योजना वाले खातों को भी राहत
RBI ने साफ किया है कि जो खाते स्कॉलरशिप, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) या सरकारी योजनाओं के लिए खोले गए हैं, उन पर भी कोई न्यूनतम बैलेंस नहीं होना चाहिए।
- चाहे इन खातों में दो साल से कोई ट्रांजैक्शन हुआ हो या नहीं,
- चाहे बैलेंस जीरो हो,
- इन पर न तो पेनाल्टी लगेगी और न ही इन्हें निष्क्रिय माना जाएगा।
इसका मतलब यह है कि स्टूडेंट्स, गरीब तबके और सरकारी लाभ लेने वालों को अब किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।
सेविंग अकाउंट में भी कुछ खास बदलाव
अगर आपका एक सेविंग अकाउंट है और आपने उसमें दो साल से कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया, तब भी बैंक को उस अकाउंट पर ब्याज देना होगा। यानी आपका पैसा यूं ही नहीं पड़ेगा – भले ही अकाउंट निष्क्रिय हो, उस पर ब्याज मिलता रहेगा।
इसके साथ ही अगर कोई अकाउंट सरकारी योजना से जुड़ा हुआ है (जैसे जनधन योजना), तो उसमें बैलेंस न होने पर भी बैंक कोई चार्ज नहीं लगा सकता।
अगर बैंक फिर भी चार्ज लगा दे?
अगर आपके निष्क्रिय या स्कॉलरशिप वाले खाते पर बैंक ने गलती से जुर्माना लगा दिया है, तो आप सीधे बैंक से इसकी जानकारी मांग सकते हैं। अगर बैंक आपकी सुनवाई नहीं करता, तो आप बैंक के बोर्ड से शिकायत कर सकते हैं।
और अगर वहां भी कोई समाधान नहीं मिलता, तो फिर आप RBI की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं। RBI के पास एक शिकायत निवारण पोर्टल है, जहां से आपको मदद मिल सकती है।
RBI ने क्यों किए ये बदलाव?
अब आप सोच रहे होंगे कि RBI ने अचानक ये नियम क्यों बदले?
असल में बैंकों में बड़ी संख्या में ऐसे खाते पड़े होते हैं जो सालों से इस्तेमाल नहीं हुए। इनमें से कई खातों में कुछ न कुछ रकम भी होती है, लेकिन उनका कोई दावेदार नहीं होता। इन्हें “Unclaimed deposits” या “लावारिस रकम” कहा जाता है।
RBI का मकसद है कि इस तरह की लावारिस रकम कम हो और सही हकदार को उसका पैसा मिल सके। नए नियमों से ये तय होगा कि:
- बैंकों पर अनावश्यक बोझ न पड़े,
- खाताधारकों को गलत तरीके से चार्ज न लगे,
- और सही लोगों को उनका पैसा वापिस मिल सके।
आखिर में क्या करें?
- अगर आपका अकाउंट निष्क्रिय है, तो घबराने की जरूरत नहीं है।
- स्कॉलरशिप और सरकारी योजना वाले खातों पर किसी चार्ज की चिंता न करें।
- किसी भी तरह की समस्या हो तो पहले बैंक से संपर्क करें, फिर RBI से शिकायत करें।
इन नए नियमों से लाखों ग्राहकों को राहत मिलेगी और बैंकिंग सिस्टम थोड़ा और पारदर्शी बनेगा।