Retirement Age Hike – हिमाचल प्रदेश सरकार अपने कर्मचारियों को एक और तोहफा देने की तैयारी में है। खबर है कि राज्य सरकार रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। फिलहाल तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 58 साल तय है, लेकिन इसे अब बढ़ाकर 59 साल किए जाने की योजना पर काम चल रहा है।
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इस प्रस्ताव को लेकर काफी सक्रिय हैं। सरकार ने इस विषय पर गंभीरता से मंथन शुरू कर दिया है और सभी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है। यह भी देखा जा रहा है कि अगर रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाई जाती है तो इसका राज्य में नई भर्तियों पर कितना असर पड़ेगा। सरकार नहीं चाहती कि इस कदम से युवाओं को मिलने वाले नए रोजगार के अवसरों में कोई रुकावट आए।
क्या है सरकार की मंशा?
सरकार का मानना है कि अगर रिटायरमेंट की उम्र में थोड़ी बढ़ोतरी की जाए तो इससे कर्मचारियों को अतिरिक्त सेवा का मौका मिलेगा और सरकार को भी तुरंत रिटायरमेंट के बाद की देनदारियों से कुछ राहत मिल सकती है। इससे पेंशन और अन्य लाभों का बोझ थोड़े समय के लिए टल जाएगा, जिससे सरकारी खजाने पर भी तुरंत असर नहीं पड़ेगा।
विशेष कमेटी की सिफारिश
मुख्यमंत्री द्वारा गठित एक विशेष मोबिलाइजेशन कमेटी, जिसकी अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री कर रहे थे, ने भी अपनी रिपोर्ट में इस बात की सिफारिश की है कि रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाई जाए। इस कमेटी ने तमाम तथ्यों का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। अब सरकार उसी रिपोर्ट के आधार पर फैसला लेने की तैयारी में है।
समानता की दिशा में कदम
हिमाचल प्रदेश में पहले से ही कई विभागों में जैसे कि डॉक्टर, प्रोफेसर, और आईपीएस अधिकारियों की रिटायरमेंट उम्र 60 साल तय है। वहीं दूसरी ओर तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को 58 साल की उम्र में रिटायर होना पड़ता है। ऐसे में लंबे समय से मांग की जा रही थी कि सभी वर्गों के कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट की उम्र समान होनी चाहिए।
अब लगता है कि सरकार इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाने जा रही है। अगर ऐसा होता है तो न सिर्फ कर्मचारियों को अतिरिक्त एक साल की सेवा मिलेगी बल्कि उनमें उत्साह भी बढ़ेगा। इससे कर्मचारियों को यह महसूस होगा कि उनके साथ भेदभाव नहीं किया जा रहा है।
क्या कहते हैं कर्मचारी?
कर्मचारियों के बीच इस खबर से उत्साह है। बहुत से कर्मचारी इस फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। उनका मानना है कि अगर उन्हें एक साल और काम करने का मौका मिलता है तो इससे उनकी आर्थिक स्थिति भी थोड़ी मजबूत हो जाएगी। साथ ही, वे अपने अनुभव और ज्ञान से विभाग को और बेहतर सेवाएं दे सकेंगे।
युवाओं की चिंता भी जरूरी
हालांकि, सरकार इस बात को भी नजरअंदाज नहीं कर रही कि रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने से नए युवाओं को नौकरी मिलने में देरी हो सकती है। इसी वजह से हर पहलू पर बारीकी से विचार किया जा रहा है ताकि कोई वर्ग खुद को उपेक्षित महसूस न करे।
फैसला जल्द हो सकता है
फिलहाल सरकार ने संबंधित विभागों से रिपोर्ट मंगाई है और वित्तीय प्रभाव का आंकलन भी किया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि अगले कुछ हफ्तों में सरकार इस पर अंतिम फैसला ले सकती है। अगर यह फैसला लागू हो जाता है तो यह राज्य के हजारों कर्मचारियों के लिए किसी सौगात से कम नहीं होगा।
अभी तो सभी की निगाहें सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं। कर्मचारियों को उम्मीद है कि उन्हें जल्द ही एक साल की अतिरिक्त सेवा का तोहफा मिल जाएगा।