Summer School Holiday – इस बार गर्मी ने पूरे देश में जमकर दस्तक दी है। कई शहरों में पारा 44 डिग्री तक पहुंच चुका है और सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर पड़ रहा है। रायपुर और आसपास के इलाकों में तो हालत ये है कि दोपहर में बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। ऐसे में बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है – अब सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के स्कूल 52 दिनों के लिए बंद रहेंगे!
यानी, ग्रीष्मकालीन छुट्टियां 25 अप्रैल से शुरू होकर 15 जून तक चलेंगी। इस दौरान बच्चों को स्कूल आने की जरूरत नहीं होगी। अब बच्चों के लिए ये छुट्टियां किसी त्योहार से कम नहीं हैं।
गर्मी में राहत भरा फैसला
गर्मी का असर इस बार कुछ ज्यादा ही तेज है। लू चल रही है, और गर्म हवाएं बच्चों की सेहत पर सीधा असर डाल सकती हैं। कई बार लू लगने से बच्चों की तबीयत खराब हो जाती है, जिससे उन्हें हॉस्पिटल तक जाना पड़ सकता है। इसी खतरे को देखते हुए, शिक्षा विभाग ने पहले ही छुट्टियां घोषित कर दी हैं।
इस फैसले से बच्चों को भीषण गर्मी में स्कूल आने-जाने की दिक्कत से राहत मिलेगी। वैसे भी इतनी गर्मी में बैग टांगकर स्कूल जाना, गर्म क्लासरूम में पढ़ना और फिर वापस घर लौटना किसी टास्क से कम नहीं होता।
टीचर्स को नहीं मिली छुट्टी
वैसे तो छुट्टियों का ऐलान बच्चों के लिए हुआ है, लेकिन शिक्षकों को फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है। स्कूल में टीचर्स को जरूरी कामकाज के लिए बुलाया जा सकता है। इसका मतलब है कि छुट्टियों में भी स्कूल स्टाफ को अपनी ड्यूटी निभानी होगी। हालांकि कुछ जगहों पर शिक्षकों को भी वर्क फ्रॉम होम या रोटेशन पर बुलाने की बात चल रही है।
बच्चों और अभिभावकों की खुशी का ठिकाना नहीं
जैसे ही छुट्टियों की खबर आई, सोशल मीडिया पर बच्चों और अभिभावकों की खुशी झलकने लगी। फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप पर खूब सारे मीम्स और पोस्ट वायरल हो रहे हैं – “गर्मी आई, स्कूल बंद हुए, अब मस्ती शुरू!”
रायगढ़ के महापौर जीवर्धन चौहान ने भी इस फैसले की सराहना की और कलेक्टर को धन्यवाद देते हुए पत्र लिखा कि बच्चों की सुरक्षा के लिए ये एक सही और जरूरी कदम है।
समय बच्चों के लिए है खास
ये 52 दिन बच्चों के लिए सिर्फ आराम करने का ही समय नहीं है, बल्कि उन्हें नई चीजें सीखने और करने का भी मौका मिल सकता है। चाहें तो ये वक्त किताबों से हटकर कुछ नया ट्राय करने में लगाया जा सकता है – जैसे ड्रॉइंग, म्यूजिक, डांस या खेल-कूद। कुछ बच्चे तो समर कैंप या ऑनलाइन कोर्सेज़ में हिस्सा लेकर छुट्टियों को मजेदार और सीखने लायक बना सकते हैं।
बच्चों की सुरक्षा पहले
स्कूल शिक्षा विभाग का ये फैसला साफ दिखाता है कि बच्चों की सेहत और सुरक्षा सबसे पहले है। तेज़ गर्मी में बच्चों को स्कूल भेजना कहीं से भी सही नहीं होता। यही वजह है कि सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के लिए ये आदेश लागू किया गया है।
अब आगे क्या?
अब जब छुट्टियां शुरू हो रही हैं, तो जरूरी है कि बच्चे दिनभर मोबाइल या टीवी में ना उलझें। उन्हें थोड़ा समय बाहर खेलने, परिवार के साथ समय बिताने और कुछ रचनात्मक चीज़ों में लगाना चाहिए। वहीं अभिभावकों की भी जिम्मेदारी है कि वो बच्चों को हाइड्रेटेड रखें, बाहर धूप में ना जाने दें और उनका ध्यान रखें।